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नमस्कार 🙏
जय महाकाल। जय जय महाकाल 🚩🙏
भारत की असली सांस्कृतिक पहचान फिर से खड़ा हो रहा
वो दिन था शुभ मंगलवार (11 अक्टूवर 2022) का, जिस दिन एक बार फिर से भारत अपनी असली सांस्कृतिक पहचान की एक और उदाहरण दुनिया को दिखाने वाला था। इसी दिन भारत के मध्य प्रदेश राज्य के भगवान शिव की नगरी उज्जैन के श्री महाकालेश्वर मंदिर में भारत ये यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आगमन हुआ। और इसी क्षण से शुरू हुआ वो लोकार्पण समारोह जिसे पूरी दुनिया ऑनलाइन देख रही थी। इस पूरे कार्यक्रम का शुभारंभ सबसे पहले श्री महाकालेश्वर मंदिर के गृभगृह में पीएम मोदी के द्वारा पूजा अर्चना, आरती से हुई।
श्री महाकालेश्वर मंदिर – महाकाल कॉरिडोर
हमारे सनातन धर्म की गौरव और देवों के देव महादेव जी के सबसे पवित्र निवास स्थान, बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग के श्री महाकालेश्वर मंदिर में पीएम मोदी के द्वारा पूजा अर्चना, आरती की गई।
इसके बाद इसी मंदिर के परिसर के विस्तार के साथ बन रहे 47 हेक्टेयर का महाकाल कॉरिडोर के पहले चरण में कॉरिडोर के 20 हेक्टेयर में तैयार हुए “श्री महाकाल लोक” का लोकार्पण पीएम मोदी ने किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उज्जैन में श्री महाकाल लोक राष्ट्र को समर्पित किया।
आपको जानकारी हो कि इस पूरे महाकाल कॉरिडोर परियोजना की कुल लागत लगभग 850 करोड़ रुपये है।
महादेव जी की नई नगरी भव्य महाकाल लोक का दर्शन कीजिए
“श्री महाकाल लोक”
भारत अब अपने सांस्कृतिक उत्कर्ष को फिर से छूते हुए अपनी पहचान के साथ गौरव से सर उठाकर खड़ा हो रहा है और उसी का एक और प्रमाण है – सनातन धर्म की आस्था, संस्कृति और आध्यात्म का स्वर्णिम समायोजन – “श्री महाकाल लोक”।
बाबा भोलेनाथ के इस महाकाल लोक के भव्य प्रवेश द्वार पर दोनों ओर से विराजित नंदी की विशाल प्रतिमाएं बनाए गए हैं। ये पूरा महाकाल लोक पद यात्रा में 910 मीटर लंबा है।
“श्री महाकाल लोक” की विशेषताएं
श्री महाकाल लोक – महाकाल लोक में 108 विशाल स्तंभ बनाए गए हैं। इन सभी 108 स्तम्भों में शिव का आनंद तांडव, शिव स्तम्भ मौजूद है। इन पर महादेव, पार्वती समेत उनके पूरे परिवार के चित्र उकेरे गए हैं। ये चित्र देखने में बिलकुल मूर्तियों की तरह ही हैं जिनमें शिव, पार्वती, गणेश और कार्तिकेय की लीलाओं का वर्णन है।
ये उत्तर प्रदेश के ‘काशी विश्वनाथ कॉरिडोर’ से चार गुना बड़ा है जो पांच हेक्टेयर में फैला है। महाकाल लोक में आने वाले लोगों को यहां कला, तकनीक और अध्यात्म का अद्भुत मिश्रण देखने को मिलेगा।
यहां भगवान शिव की लीलाओं का वर्णन करती छोटी-बड़ी करीब 200 मूर्तियां लगाई गई हैं। भगवान शिव ने किस तरह राक्षस त्रिपुरासुर का वध किया था, इसका भी विस्तार से वर्णन यहां एक विशाल प्रतिमा के जरिए किया गया है।
श्री महाकाल लोक में अध्यात्म और आधुनिकता का मिश्रण
आपको जानकर खुशी होगी कि इस महादेव की नई नगरी महाकाल लोक में मौजूद हर एक प्रतिमा के सामने QR कोड लगाया है, जिसे स्कैन करते ही भगवान शिव की कहानी की जानकारी आपके मोबाइल स्क्रीन पर आ जाएगी। इसका फायदा ये होगा कि यहां आने से आप या बच्चें जो कि नई पीढ़ी के है, को पौराणिक इतिसाह, कथाओं और मान्यताओं से जोड़ने में अहम भूमिका निभाएगी। बता दें कि महाकाल लोक में एक दिन में 10 लाख से ज्यादा लोग बाबा महाकाल का दर्शन कर सकते हैं।