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यूनिफॉर्म सिविल कोड, भारत: सम्पूर्ण जानकारी
प्रिय पाठकों, आप अभी यूनिफॉर्म सिविल कोड, भारत: अंतिम भाग 6 – भारत में कब तक आएगा समान नागरिक संहिता (यूसीसी) कानून? को पढ़ने जा रहे है। लेकिन क्या आप इसके पहले वाले भागों को पढ़ा है? यदि हां तो आप इसको अभी पढ़ सकते है और यदि आप भी तक नहीं पढ़े है तो नीचे दिए गए लिंक्स पर क्लिक कर पहले वाले भागों को पढ़े।
परिचय – “समान नागरिक संहिता – भारत” फुल केस स्टडी
भाग 1 – यूनिफॉर्म सिविल कोड, भारत: भाग 1 – अनुच्छेद 25, 32 और 44
भाग 2 – यूनिफॉर्म सिविल कोड, भारत: भाग 2 – शाह बानो केस (1985)
भाग 3 – यूनिफॉर्म सिविल कोड, भारत: भाग 3 – The Hindu Marriage Act, 1955 (हिन्दू विवाह अधिनियम)
भाग 4 – “समान नागरिक संहिता” के देश में आने और लागू होने के बाद क्या ये मामला भी कृषि कानूनों की तरह कोर्ट से स्टे ऑर्डर ले सकती है?
भाग 5 – यूनिफॉर्म सिविल कोड, भारत: भाग 5 – क्या है यूनिफॉर्म सिविल कोड / समान नागरिक संहिता / एक देश-एक कानून / Uniform Civil Code / UCC?
अब आप आज के इस लेख सीरीज की आखिरी भाग (भाग 6) को पढ़ सकते है।
अस्वीकरण
यह पूरा लेख विभिन्न सरकारी और समाचार पोर्टल स्रोतों से वास्तविक समाचार और जानकारी पर आधारित है। हमने यह विस्तृत लेख सिर्फ आपको विषय के बारे में सर्वोत्तम जानकारी प्रदान करने के लिए लिखा है। हम आपको ये सुनिश्चित करना चाहते हैं कि इस लेख की शब्दों को हमने आम भाषा में लिखा है ताकि सभी को आसानी से मतलब समझ आ सके। अंत: ये मालूम हो कि हम (मैं या हमारी वेबसाइट) सभी धर्मों का समान रूप से सम्मान करते हैं और हम सभी अपने महान देश (भारत) के संविधान का पालन करते हैं। इसलिए हम अपने सभी पाठकों से यह भी अनुरोध करते हैं कि इस प्लेटफॉर्म के किसी भी लेख की किसी भी शब्द अथवा पंक्ति को नकारात्मक तरीके से भी न लें।
Akhand Bharat R के इस “समान नागरिक संहिता – भारत” की सम्पूर्ण केस स्टडी के आखिरी भाग में हम आज पहुंच चुके है, और इसके सभी पिछले भागों (परिचय से लेकर भाग 5 तक) में हमने “समान नागरिक संहिता – भारत” की हर एक छोटी से बड़ी बात को जाना है और इससे जुड़े अन्य सभी मुख्य बिंदुओं पर भी अध्ययन किया है। तो इतना कुछ इसके बारे में जानने के बाद ये जानना तो पड़ेगा कि आखिर जिस विषय को हमनें इतने अच्छे जाना है, वो विषय देश में कब तक आएगा और इसमें क्या क्या होंगे?
जवाब सिंपल है –
भारत में भारतीय जनता पार्टी केंद्रीय सत्ता में है। और इस पार्टी ने जब 2014 में आम चुनाव/लोकसभा चुनाव में अपनी मैनिफेस्टो जारी किया तो देश के बड़े बड़े मुद्दों के साथ साथ उसी समय इसने समान नागरिक संहिता वाली मुद्दा को भी शामिल किया। बीजेपी ने 2014 के मैनिफेस्टो में अपने लिस्ट के आखिरी नंबर 64 में इस मुद्दा को जोड़ते हुए इसका नाम लिखा था – समान नागरिक संहिता और इसके बारे में पार्टी के मैनिफोस्टो में जो साफ साफ लिखा हुआ था, और जिसको आप नीचे दिए पार्टी के मैनिफेस्टो के पेज फोटो में भी पढ़ सकते है-
भारत के संविधान की धारा 44 में समान नागरिक सहिता राज्य नीति के निर्देशक सिद्धांतों के रूप में दर्ज की गई है। भाजपा का मानना है कि जब तक भारत में समान नागरिक सहिता को अपनाया नहीं जाता है, तब तक लैंगिक समानता कायम नहीं हो सकती है। समान नागरिक सहिता सभी महिलाओं के अधिकारों की रक्षा करती है। भाजपा सर्वश्रेष्ठ परपराओं से प्रेरित समान नागरिक सहिता बनाने को कटिबद्ध है जिसमें उन परंपराओं को आधुनिक समय की जरूरतों के मुताबिक ढाला जाएगा।
बीजेपी 2014 मेनिफेस्टो
और इन सभी मुद्दों के साथ बीजेपी ने 2014 के आम चुनाव/लोकसभा चुनाव में बहुमत से जीत हासिल किया और नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री बनाकर देश में सरकार बनाई। सरकार के 5 साल पूरे हुए लेकिन उस समय में यह कानून नही बन पाया। अब जब दूसरी बार 2019 में चुनाव हुआ तो फिर अन्य कई नए मुद्दों के साथ फिर इस मुद्दा पर भी चुनाव लड़ा गया। मोदी जी के नेतृत्व में एक बार फिर से बीजेपी सरकार बनी रही और आज भी बीजेपी केंद्र में है।
आपको बता दे कि देश के गृह मंत्री अमित शाह ने इसी साल अप्रैल के अंत में भोपाल के दौरे पर गए थे। उन्होंने वहां कहा था कि
CAA, राम मंदिर, अनुच्छेद 370 और 3 तलाक जैसे मुद्दों पर फैसले हो गए….. अब बारी यूनिफॉर्म सिविल कोड की है।
अमित शाह, केन्द्रीय गृह मंत्री
और तब से देश में इसके बारे में और ज्यादा चर्चा होना शुरू हो गया है। और मुझे लगता है कि आने वाले संसद के सत्र में केंद्र सरकार इसके लिए बिल भी संसद में पेश करेगी। फिर बाकी के प्रक्रियाओं के बाद जब जगह से नियमित रूप से पास हो जाएगी तब यह कानून देशभर में लागू कर दिया जाएगा।
अब तक की लेटेस्ट अपडेट्स
अब कुछ बातें न्यूज नेटवर्क के तरफ से भी कर लेते है ताकि इस विषय पर आपको अब तक की लेटेस्ट अपडेट्स पता रहे –
फिलहाल देश के सिर्फ एक राज्य में लागू है यूनिफॉर्म सिविल कोड
अब तक आपने अलग-अलग राज्यों के अलावा केंद्र सरकार की तरफ से यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू करने की बात आई है, लेकिन देश का सिर्फ एक ही राज्य ऐसा है जहां पर यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू है. उस राज्य का नाम है गोवा. इस राज्य में पुर्तगाल सरकार ने ही यूनिफार्म सिविल कोड लागू किया था. साल 1961 में गोवा सरकार यूनिफॉर्म सिविल कोड के साथ ही बनी थी.
इस साल उत्तराखंड में लागू हो सकता है यूनिफार्म सिविल कोड, यूपी समेत इन राज्यों में भी चर्चा
बताते चलें कि उत्तराखंड की पुष्कर धामी सरकार ने राज्य में समान नागरिक संहिता लागू करने की घोषणा की है. यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने भी इस दिशा में आगे बढ़ने का संकेत दिया है. कर्नाटक और मध्य प्रदेश सरकारों ने भी ऐसी ही बातें कही हैं. माना जा रहा है कि इस साल के अंत तक कुछ राज्यों में UCC लागू हो सकता है. माना जा रहा है कि अगर राज्यों की इस पहल पर ज्यादा बवाल नहीं होता है तो फिर केंद्र सरकार भी राष्ट्रीय स्तर पर समान नागरिक संहिता लागू करने का कदम उठा सकती है.
प्रिय पाठकों, तो ये रही पूरी जानकारी इस केस स्टडी की। ….
मैं उम्मीद करता हूं कि आपको हमारी जानकारी से समझ भी आई होगी। अंत में यही कहता हूं कि अब तक की अंतिम अपडेट्स भी बस इसके ऊपर ही आपको दे दिया हूं और आगे आने वाली हर एक अपडेट्स आप तक पहुंचती रहेगी।
लेखक
अखंड भारत – देश और धर्म सर्वोपरि
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