अखंड भारत – देश और धर्म सर्वोपरि
यूनिफॉर्म सिविल कोड (Uniform Civil Code)
यूनिफॉर्म सिविल कोड (Uniform Civil Code) को हिंदी भाषा में समान नागरिक संहिता कहा जाता है. इसे आप अपनी आम भाषा में समान नागरिक कानून के नाम से भी समझ सकते है। इसको आप धर्मनिर्पेक्ष कानून भी कह सकते है।
अब इस “समान नागरिक संहिता – भारत” को हम जानें, उससे पहले हमें इसको अच्छे से जानने के लिए इसके शुरू होने की कहानी से लेकर आज इसके देश में आने की वजह तक को जानेंगे। और इसी के लिए हमें इस पूरे प्रकरण को 6 अलग अलग लेख श्रृंखला (भागों) में जानना होगा ताकि आपको इससे सम्बन्धित हर एक छोटी सी बड़ी बात पर अच्छे से जानकारी हो।
इसीलिए आज हम
हमारे देश में वर्तमान में जोरों से चल रहे चर्चित विषय “समान नागरिक संहिता – भारत” पर अध्ययन करने के लिए 6 लेख श्रृंखला में विस्तृत केस स्टडी की घोषणा करते है।
रंजीत जायसवाल
सम्पूर्ण “समान नागरिक संहिता” को 6 भागों में समझे
- भाग 1 – अनुच्छेद – 25, 32 और 44
- भाग 2 – शाह बानो केस – 1975
- मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड
- तत्कालीन राजीव गांधी सरकार
- भाग 3 – हिंदू मैरिज एक्ट – 1955
- भाग 4 – “समान नागरिक संहिता” के देश में आने और लागू होने के बाद क्या ये मामला भी कृषि कानूनों की तरह कोर्ट से स्टे ऑर्डर ले सकती है?
- भाग 5 – अब बताओ भी आखिर है क्या यूनिफॉर्म सिविल कोड / समान नागरिक संहिता / एक देश एक कानून / Uniform Civil Code /UCC?
- भाग 6 – भारत में कब तक आएगी ये कानून?
उपर दिए गए इन्हीं 6 भागों में अब आपको इस विषय पर सम्पूर्ण जानकारी दी जाएगी।
सभी आर्टिकल्स के लिए रिसर्च, स्टडी और लोगों के आम जीवन के कार्यों को समझते हुए लिखने का काम जारी है।
भाग 1 – अनुच्छेद – 25, 32 और 44
हमारे इस 6 लेख श्रृंखला वाले केस स्टडी का भाग 1 (Part 1) जल्द ही आपको मिलेंगे।
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पढ़े: यूनिफॉर्म सिविल कोड, भारत: भाग 1 – अनुच्छेद 25, 32 और 44
पढ़े: यूनिफॉर्म सिविल कोड, भारत: भाग 2 – शाह बानो केस (1985)
पढ़े: यूनिफॉर्म सिविल कोड, भारत: भाग 3 – The Hindu Marriage Act, 1955 (हिन्दू विवाह अधिनियम)
आगे पढ़ें: भाग 6 – भारत में कब तक आएगा समान नागरिक संहिता (यूसीसी) कानून?