जरा अपनी असल जिंदगी में झांक कर देखिए, बस जरा सा अपने दोस्त की दोस्ती को आजमाकर तो देखिए!
Ranjeet Jaiswal
माता-पिता, भाई-बहन, दोस्त-यार, प्यार-मोहब्बत-नफ़रत और छोटा-बड़ा …… हमारी दोस्ती तो इन सब से है फिर किसे, कैसे और किस आधार पर Friendship Day करूँ, ये तय करना थोड़ा मुश्किल है इसीलिए बस ये कह दूँ कि सब सही रहे और सब सफल रहे!
किसी के दुआ के लिए किसी को उसका दोस्त होना जरूरी नहीं है, चाहे कोई दूर का ही क्यों न हो, आपको तो उसके लिए इंसान होना जरूरी है!
ये भी जान ले कि हकीकत से परिचित होना आपकी जरूरत है। जितना जल्द हो जाएंगे, आपके लिए सही ही होगा।