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नमस्कार 🙏
कुंदन रेडीमेड, काठमांडू
आज हमारे कुंदन रेडीमेड, काठमांडू के तीसरे दुकान की दूसरी स्थापना दिवस और हमारे पूरे कुंदन रेडीमेड का 7वां वर्ष सफलतापूर्वक पूरा हुआ। तो आईए जानते है कुंदन रेडीमेड, काठमांडू के सफलतापूर्ण 7 वर्षों के सफर को।
कुंदन रेडीमेड – पहला दुकान
माई-बाबू जी और बाबा पशुपतिनाथ जी के आशीर्वाद के साथ वर्ष 2015 के अंत में कुंदन रेडीमेड का शुभारंभ मेरे बड़े भईया के द्वारा किया गया था। तब मैं इंडिया में आठवीं में पढ़ाई कर रहा था। हमारे कुंदन रेडीमेड का शुभारंभ एक छोटी सी दुकान थी.. आज भी है, उसमे किया गया था। दुकान भले ही छोटा था लेकिन मेरे भईया का परिश्रम और काम के प्रति निष्ठा बहुत ज्यादा था। उन्होंने इसकी शुरुआत ये सोच कर नहीं किया था कि बाद में बहुत कुछ और बड़ा होगा लेकिन ये सोच जरूर थी कि अगर हम अपनी 100% मेहनत करेंगे तो सफलता जरूर मिलेगी। फिर क्या… शुरू हुआ कुंदन रेडीमेड, अब ना अपनी मशीनें थी, ना कुछ। कपड़े की मार्केट में ना तो किसी से जान और ना ही पहचान। और सबसे बड़ी की इस बिजनेस के बारे में उन्हें कुछ पता भी नहीं था।
हमारे पैरेंट्स हमेशा पूरी परिवार के साथ यहीं काठमांडू में रहते है शुरू से। इस बिजनेस में मेरे 2 बड़े भईया और पापा लगे थे। और हां इसके शुरू होने से पहले हमारा यहां किसी चीज का छोटा बिजनेस था जिससे बड़े भईया इस नए काम में आ गए और पापा और छोटे भईया कुछ और समय उसी पुराने काम में रहे। और समय के साथ इस काम में भी उन लोग का भी रोल था।
अब आगे जब ये शुरू हुआ तो सब कुछ तो चाहिए ही थे, सिलाई मशीन, अपना गारमेंट, कारीगर, गोदाम और बाकी इसके जरूरत की सब कुछ। जनाब, मैं 2015 में तो यहां नही आया था लेकिन हां मुझे याद है कि 2016 में जब मैं यहां स्कूल से छुट्टी में घूमने के लिए आया था तो मैंने देखा कि हमारे पास कुछ मशीनें, कटिंग टेबल सब है अब।
आपको बता दे कि इसके शुरुआत के करीब 1 वर्ष बाद मैं यहां आया था। तब तक भईया का मेहनत यहां देखने को मिलने लगी थी। कहावत है कि “जो खुद की मदद नहीं करते, उसकी भगवान भी नहीं सुनते” – लेकिन हमारे साथ इसका विपरीत हुआ। हमारे भईया और पापा के कठिन मेहनत और साथ में भगवान जी के कृपा से हमारा बिजनेस खड़ा होने लगा। एक और बात तब ना यहां कपड़े की बिजनेस अच्छे से शुरू हो गया था तो हमारे लिए वो दौर एक मार्केट में कंपटीशन का भी था। चैलेंजेस और मुश्किलें भी थी… लेकिन एक और कहवात है कि “कर भला तो हो भला” – सो हमारे भईया ने सच्ची निष्ठा, सही रास्ते और खूब लगन से इस काम में शामिल हुए और खुद व खुद ये चैलेंजेस और मुश्किलें भी खतम होते गई। और तब वर्ष 2017 आ गया था…. सब कुछ सही भी चल रहा था। सब खुश थे।
कुंदन रेडीमेड – दूसरा दुकान
अब दिन था 30 अक्टूबर 2017 का जिस दिन हमारे इस बिजनेस को असल मायने में पहली सफलता मिली थी। ये जो दूसरी (2nd) दुकान आप फोटो में देख रहे है नीचे इसका उद्घाटन हमनें उस दिन किया था। अच्छी बात ये थी कि तब मैं 10वीं में पढ़ रहा था और इस समय भी मैं काठमांडू में ही था। इस दिन हमारे इस दूसरे दुकान का उद्घाटन हो गया। यह दुकान चौड़ाई में छोटा है पर लंबाई में लंबा है। कारवां चलता रहा। अब हम थोड़ा और आगे बढ़ गए थे।
अब जब 2 काउंटर्स हो गए हमारे पास तो हम बहुत खुश थे। सब कुछ सही से चल रहा था। और यहीं समय है जब हम अपने
सभी ग्राहकों को धन्यवाद देना चाहते है कि इस बिजनेस में आपने हमारा साथ दिया, हम पर भरोसा किया और हमारे साथ अपने व्यापार किया। हम धन्यवाद उन सभी कपड़े के इंपोर्टर्स को भी देना चाहते है जिन्होंने हमारे बिजनेस में कपड़े दिए और हम पर विश्वास किए। हमारे कारीगर्स जो हमारे लिए काम करते आ रहे है उनको भी हमारा धन्यवाद। दिल से शुक्रिया आप सभी का।
कुंदन रेडीमेड
तो अब आगे बढ़ते है, इसी के साथ वर्ष 2018 आया, मैं मार्च महीने में 10वीं का बोर्ड परीक्षा देने इंडिया गया और रिजल्ट में पास हो गया। तब फिर मैं आगे की पढ़ाई के लिए कोटा, राजस्थान (भारत) गया। तब तक यहां बिजनेस भईया, पापा और बाकी लोग बहुत अच्छे से चला रहे थे। और तब ही मैं कोटा में 12वीं की पढ़ाई करने जा सका था क्योंकि वहां पैसे बहुत लगते है।
समय बीतता गया, सब अच्छा चल रहा था। बिजनेस भी बढ़िया था। सब लोग बिजी थे इस जिंदगी में अच्छे से। हमारा छोटा भाई और बहन पढ़ाई कर रहे थे। इसके साथ की 2 साल और बीत गए और आ गया फरवरी 2020।
इस समय मैंने 12वीं के परीक्षा दिए। और कोटा से मार्च 2020 के अंत तक घर (जमुआ, बिहार) वापिस आ गया था। यहीं वो समय था जब हमारे देश में और यहां नेपाल (काठमांडू) में कोरोना महामारी की वजह से लॉकडाउन लगना शुरू हो गया था। हम घर पर थे। कुछ लोग यहां थे और बिजनेस बंद था। लेकिन कुछ महीने बाद लॉकडाउन खुला, बिजनेस भी धीरे धीरे शुरू हुआ। नसीब सही था या खराब नहीं कह सकते लेकिन इसी बीच 12th बोर्ड का रिजल्ट आ गया और मेरा एक विषय में कंपार्टमेंट लग गया। यानी कि आम भाषा में बोले तो मैं 12वीं में फेल हो गया। और जुलाई आते आते, मैं काठमांडू आ गया। अब हम मिलकर अपने बिजनेस को आगे बढ़ाते रहे। तब सब सही था लेकिन एक बात ये मन में थी कि एक अलग काउंटर होना चाहिए जिसपर एक कोई बैठ सके। सब कोई दो दुकान में ही रहे ये जरूरी नहीं है। स्टाफ्स भी थे।
कुंदन रेडीमेड – तीसरा दुकान
तो क्या… समय का कारवां चलते चलते 2020 में आज ही के दिन पर अपनी एक और सफलता हासिल करने के लिए रुक गया। अब बात 8 अक्टूबर 2020 की हो रही है जिस दिन मेरा और हमारा सपना पूरा होने वाला था। इसी दिन हमारे तीसरे (3rd) दुकान की उद्घाटन होने वाला था। ये जो नीचे तस्वीरें आप देख रहे है, ये है हमारी तीसरी दुकान।
मेरा सपना पूरा हो गया। अब खुशी इस बात की थी कि इस मार्केट का सबसे बड़ा और बढ़िया लुक वाला एक दुकान हमारे पास भी हो गया है…. तीसरी दुकान का पापा के द्वारा उद्घाटन हो गया। बहुत खुशी मिली हमें इस दुकान के खुलने से। और इसके साथ ही हमारा परिश्रम और बढ़ता गया। अब सब कुछ था अपने पास… भगवान जी भी हमारे साथ थे। सब बढ़िया था जी। हम लग गए। मुझे भी एक काउंटर पर पूरी जिम्मेदारी मिल गई। अब हम लोग मिलकर 3नो दुकान चला रहे थे। और जिंदगी का सफर चलता गया।
2020 के बाद, 2021 भी आ गया जी। रेडीमेड गारमेण्ट में हम अच्छा कर रहे थे। सब लोग खुश थे। मैक्सिमम आइटम्स हमारे ही दुकानों से हमारे कस्टमर्स को मिल जा रहे थे। और सबसे बड़ी बात ये थी कि हमारे कस्टमर्स शुरू से ही हमसे बहुत खुश रहे और संतुष्ट रहे। उनका विश्वास हर घड़ी में हमारे साथ रहा।
और अब इस बीच, यहां के कंपीटीशन को देखते हुए हमें लगा कि एक दुकान अंडरगार्मेंट्स की भी होनी चाहिए। ताकि ये जो आइटम्स हमारे पास नहीं है, और इसके लिए कस्टमर दूसरे दुकान जाते है, ऐसा उन्हें नहीं करना पड़े। अब खयाल तो आया इसका लेकिन ये भी बहुत चुनौतीपूर्ण था क्योंकि इसकी भी ए बी सी डी हमें तब कुछ पता ना था।
कुंदन रेडीमेड – चौथा दुकान
लेकिन भगवान जी की कृपा थी कि ठीक है ऐसा मन है तो कर लो – सो उनके आशीर्वाद से हमें तीसरी सफलता बस मिलने वाली थी। अब वो शुभ दिन था 22 अगस्त 2021 की, इसी दिन रक्षाबंधन भी था और इसी दिन हमें हमारा चौथा (4th) दुकान मिलने वाला था। इसी दिन हमारे भईया ने पूजा-पाठ के साथ हमारे चौथे दुकान का उद्घाटन किए।
ये दुकान लेडीज और जेंट्स के अंडरगार्मेंट आइटम्स की है। इसकी तस्वीर भी आप नीचे देख सकते है। अब लगभग लगभग सब सपना पूरा हो गया। अब इन 4 दुकान को सही ढंग से चलाने के लिए बहुत ज्यादा मेहनत और ईमानदारी की जरूरत थी। भईया, पापा और बाकी सब के मेहनत और ईमानदारी पर तो सवाल किया ही नहीं जा सकता। मेरे भी कुछ कर्त्तव्य थे।
हमारी परिश्रम और ईमानदारी
मैंने भी अपना सब कुछ दिया, आज जब मैं ये लिख रहा हूं जिसे आपने पढ़ा है तब मैं यह कह सकता हूं कि –
आपकी परिश्रम और ईमानदारी आपको डबल इनाम और सफलता देती है और इसके लिए आपको किसी प्रमाण की जरूरत नहीं होनी चाहिए।
रंजीत जायसवाल
कुंदन रेडीमेड के सफलतापूर्ण 7 वर्ष
आज हमारे तीसरे दुकान की दूसरी स्थापना दिवस है और हमारे पूरे कुंदन रेडीमेड का 7वां वर्ष सफलतापूर्वक पूरा हुआ। कुंदन रेडीमेड से डायरेक्टली और इनडायरेक्टली जुड़े सभी को बहुत बहुत हार्दिक शुभकामनाएं।
माई-बाबू जी और बड़े भईया का सबसे बड़ा योगदान है इस सफलता में। इन सब के मेहनत, संघर्ष और लगन के बिना आज हम इस मुकाम तक नहीं पहुंच सकते थे।
सभी को दिल से धन्यवाद
सभी को बहुत बहुत धन्यवाद। आपके विश्वास के लिए कुंदन रेडीमेड से जुड़े आप तमाम लोगों का हम दिल से शुक्रिया अदा करते है, अभिनंदन करते है।
माई-बाबू जी और बाबा भोलेनाथ जी के कृपा से सब कुशल मंगल है। हां, छोटी बड़ी समस्या आती रहती है, तो ध्यान रहे कि मनुष्य जीवन में इन समस्याओं का आना स्वाभाविक है, हमें इसका सामना करना चाहिए, तब ही हमे इसपर जीत मिलती है और इन्हीं जीत के साथ हम और आगे बढ़ने की चाहत रखते है।
धन्यवाद।
रंजीत – कुंदन रेडीमेड, काठमांडू – नेपाल