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सबसे पहले आपको बता दे कि इस Article का Part-2 भी आ गया है, इसको पढ़ने के बाद इसको क्लिक कर उसे भी पढ़े: देश का गौरव और रोज 20-25 करोड़ रुपए की घाटे में चल रही National Carrier को बंद करना सही था या बेचना? जानिए कैसे घाटे की कंपनी बनी एयर इंडिया और क्या अब इसमें सफर करना महंगा हो जाएगा?
Read this Article in English: CLICK: Today Tata Group’s 1930s airline “Air India” becomes their own again, Here’s the Case Study to know Tata Airlines to Air India’s Journey
Tata Group’s Flight History: Air India की शुरुआत 1932 में टाटा ग्रुप ने ही की थी. तब इसका नाम Tata Airlines था. टाटा समूह के जे. आर. डी. टाटा (JRD Tata) ने इसकी शुरुआत की थी, वे खुद भी एक बेहद कुशल पायलट थे.
Ranjeet Jaiswal
टाटा एयरलाइंस (Tata Airlines):
टाटा समूह के पूर्व अध्यक्ष, जहांगीर रतनजी दादाभाई टाटा ने 1932 में भारत की पहली एयरलाइन शुरू की, जिसे ‘टाटा एयरलाइंस’ के नाम से जाना जाता था।
टाटा एयरलाइंस को शुरुआत में कराची और मुंबई के बीच मेल ले जाने और पहुंचाने के लिए शुरू किया गया था। 1946 में द्वितीय विश्व युद्ध के बाद, भारत से सामान्य हवाई सेवा की शुरुआत हुई और तब इसका नाम Air India रखकर इसे एक सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी बना दिया गया. वर्ष 1947 में देश की आज़ादी के बाद एक राष्ट्रीय एयरलाइंस की जरूरत महसूस हुई और भारत सरकार ने Air India में 49% हिस्सेदारी अधिग्रहण कर ली. इसके साथ ही 1948 में, एयर इंडिया एशिया और यूरोप के बीच नियमित सेवा शुरू करने वाली पहली एशियाई एयरलाइन बन गई.
एयर इंडिया (Air India):
इसके बाद 1953 में भारत सरकार ने ‘एयर कॉरपोरेशन एक्ट’ (Air Corporation Act) पास किया और Tata Group से इस कंपनी में बहुलांश हिस्सेदारी खरीद ली. इस तरह Air India पूरी तरह से एक सरकारी कंपनी बन गई.
Aviation Industry में Ratan Tata व Tata Group के प्रयासों का विश्लेषण
भले ही टाटा समूह एयरलाइन से बाहर हो गया था, लेकिन व्यवसाय हमेशा उसके दिल के करीब रहा। 1990 के दशक में, जब इस क्षेत्र को निजी कंपनियों के लिए खोल दिया गया था, रतन टाटा को पता था कि समय आ गया है और उन्होंने एक घरेलू वाहक शुरू करने के लिए सिंगापुर एयरलाइंस के साथ गठबंधन किया। लेकिन सार्वजनिक डोमेन से हमारे अध्ययन के अनुसार, इस क्षेत्र में तब कानून रातोंरात बदल गए और इसलिए विदेशी एयरलाइनों को घरेलू वाहक में एक भी शेयर रखने से रोक दिया गया। नतीजतन, सिंगापुर एयरलाइंस के साथ टाटा की प्रस्तावित एयरलाइन ने कभी उड़ान नहीं भरी।
आज फिर Tata Group की ही हुई Air India, दिसंबर, 2021 तक यह कंपनी टाटा सन्स को सौंपी जाएगी
सरकारी एयरलाइन एअर इंडिया (Air India) टाटा समूह के नियंत्रण में जाएगी. एअर इंडिया की बिक्री प्रक्रिया में Tata sons ने सबसे ज्यादा कीमत लगाकर बिड जीत ली है. इससे पहले 2018 में सरकार ने कंपनी में 76 फीसदी हिस्सेदारी बेचने की कोशिश की थी लेकिन उसे कोई रिस्पांस नहीं मिला था.
हमारी SRNewsGRoup की खबरे इस बात कि पुष्टि करते है कि टाटा सन्स ने एयर इंडिया की बिड जीती है। उन्होंने 18,000 करोड़ रुपए की बोली लगाई थी। दिसंबर 2021 में कंपनी का स्वामित्व टाटा सन्स के पास चला जाएगा। कंपनी में लोगों का रोज़गार बना रहेगा। यानी दिसंबर तक यह कंपनी टाटा सन्स को सौंप दी जाएगी। Air India के लिए सरकार ने फाइनेंशियल बिड्स मंगवाई थीं. ये सरकार के विनिवेश कार्यक्रम का हिस्सा भी है. सरकार एअर इंडिया और एअर इंडिया एक्सप्रेस की अपनी 100 फीसदी हिस्सेदारी बेची है.
आपको बता दे कि आज की तारीख में एयर इंडिया में 12,085 कर्मचारी हैं जिसमें से 8,084 स्थायी कर्मचारी हैं और 4,001 कर्मी कॉन्ट्रैक्ट पर हैं। इसके अलावा एयर इंडिया एक्सप्रेस में 1434 कर्मचारी हैं। 1 साल और तक अगर उनकी छटाई होगी तो उनको वीआरएस देना होगा।