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भारत का अपना डिजिटल रुपया (e₹) या ई-रुपया
आत्मनिर्भत भारत के उपलब्धियों में एक और उपलब्धि और डिजिटल रुपया (e₹) या फिर ई-रुपया भारतीय रुपये का एक नियोजित डिजिटल रूप या संस्करण है, जिसे भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) द्वारा सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (CBDC) नाम दिया गया है।
डिजिटल रुपया (e₹) या ई-रुपया का शुभारंभ
आरबीआई द्वारा डिजिटल रुपये को जनवरी 2017 में प्रस्तावित किया गया था और इसे वित्तीय वर्ष 2022-23 में लॉन्च करने की प्लान थी। और ठीक इस प्लान के हिसाब से इससे पहले केंद्रीय बैंक ने एक नवंबर को होलसेल ट्रांजैक्शन के लिए डिजिटल रुपये (e₹-W) को लॉन्च किया था। और अब रिटेल ट्रांजेक्शन के लिए आज रिटेल डिजिटल रुपये (e₹-R) लॉन्च कर दी गई है।
क्या है डिजिटल रुपया (e₹) का मतलब?
जनाब देखिए, इसको आप आम भाषा में समझिए क्योंकि ये हम आम लोगों के लिए ही है। सो आप इसको ऐसे समझे कि जैसे हमारे पास पैसे होते है कागज वाले, या हमारे बैंकों में, उसका जितना वैल्यू या कीमत होता है न, उतना ही कीमत अब डिजिटल रुपया का भी है। क्योंकि ये डिजिटल रुपया भारतीय रिजर्व बैंक की तरफ से जारी किए जाने वाले करेंसी नोटों का ही डिजिटल स्वरूप है।
कितनी होगी डिजिटल रुपया (e₹) की वैल्यू?
चुकीं ये सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (CBDC) या डिजिटल रुपया, भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा ही जारी किए गए है तो इसकी वैल्यू अभी हमारे देश में मौजूद कागजी नोटों के बराबर ही होगी। अगर आप चाहें तो इसे देकर कागजी नोट भी हासिल कर सकते हैं। ये हमारे देश की करेंसी नोटों की तरह ही पूरी तरह वैध और मान्य है। इसका इस्तेमाल लेन-देन के लिए किया जा सकता है।
डिजिटल रुपया (e₹) से जुड़े बैंकों व अन्य महत्वपूर्ण जानकारियां
इसको सबसे आसान भाषा में ऐसे समझिए कि भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा डिजिटल रुपया को देश में लाने के लिए यह पहला पायलट प्रोजेक्ट है। इस पायलट के दौरान डिजिटल रुपये का निर्माण, डिस्ट्रीब्यूशन, और रिटेल इस्तेमाल की पूरी प्रक्रिया की टेस्टिंग की जाएगी।
आज देश के चुनिंदा लोकेशन पर इसका रॉलआउट गया है, जिसमें कस्टमर से लेकर मर्चेंट तक को शामिल किया जाएगा। फिल्हाल इस पायलट प्रोजेक्ट में भाग लेने के लिए देश की आठ बैंकों की पहचान की गई है। लेकिन पहले चरण की शुरुआत देश भर के चार शहरों में स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, आईसीआईसीआई बैंक, यस बैंक और आईडीएफसी फर्स्ट बैंक के माध्यम से होगी। इसके बाद बैंक ऑफ बड़ौदा, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, एचडीएफसी बैंक और कोटक महिंद्रा बैंक को इस पायलट प्रोजेक्ट में शामिल किया जाएगा।
मैंने आपको ऊपर ये भी बताया है कि होलसेल ट्रांजैक्शन के लिए डिजिटल रुपये (e₹-W) को लॉन्च किया था। और अब रिटेल ट्रांजेक्शन के लिए आज रिटेल डिजिटल रुपये (e₹-R) लॉन्च कर दी गई है। इसको आप ऐसे भी याद रखें कि रिजर्व बैंक ने डिजिटल करेंसी को दो कैटेगरी CBDC-W और CBDC-R में बांटा है। CBDC-W मतलब होलसेल करेंसी और CBDC-R का मतलब रिटेल करेंसी से है।
जानकारी के मुताबिक, आज पायलट प्रोजेक्ट शुरू में चार शहरों – मुंबई, नई दिल्ली, बेंगलुरु और भुवनेश्वर को कवर किया जाएगा। फिर धीरे-धीरे अहमदाबाद, गंगटोक, गुवाहाटी, हैदराबाद, इंदौर, कोच्चि, लखनऊ, पटना और शिमला तक इसका विस्तार होगा।
कैसे करेंगे डिजिटल रुपया (e₹) का इस्तेमाल?
सिंपल है, आपके किसी बैंक में खाता होंगे, काम वही से होगा आपका। सपोज आपका खाता SBI बैंक में है, तो रिजर्व बैंक के अनुसार, आपके मोबाइल फोन या डिवाइस में आपके बैंक के डिजिटल वॉलेट होगा जो कि वो बैंक आपको उपलब्ध कराएगी।
रिपोर्ट्स के अनुसार, डिजिटल रुपया पेमेंट का एक नया तरीका है। e₹-R का डिस्ट्रीब्यूशन बैंकों के माध्यम से किया जाएगा। इसके तहत आपको बैंक से एक बार अपनी जरूरत अनुसार अपने खाते के पैसे कटवाकर या कैश देकर डिजिटल रुपया (e₹-R) खरीदना होगा। उसके बाद आप वॉलेट से वॉलेट में लेन-देन कर पाएंगे। या फिर अपने वॉलेट में ये डिजिटल पैसा किसी व्यक्ति को पैसे देकर ले सकते है अगर उसने पहले से ये डिजिटल पैसा ले रखा है तो।
अब इस्तेमाल इसको ऐसे कीजिए – अब आपके डिजिटल वॉलेट में मौजूद जो डिजिटल रुपया है, से डिजिटल रूपी के जरिए लेन-देन कर पाएंगे। अगर आपको किसी दुकानदार को डिजिटल रूपी में भुगतान करना है, तो मर्चेंट के पास दिख रहे क्यूआर (QR) कोड्स पर पर्सन टू मर्चेंट (P2M) पेमेंट के जरिए आप भुगतान कर सकते है। और यहीं ट्रांसकेशन जब आप खुद के डिजिटल फोन वॉलेट और अपने किसी दोस्त या व्यक्ति के डिजिटल फोन वॉलेट के बीच में करेंगे तो ये लेनदेन पर्सन टू पर्सन (P2P) कहलाएगा। और ये पेमेंट ठीक वैसा ही है जैसा कि आप और हम अपने निजी जीवन में अपने पैकेट से कागज के नोट वाले पैसे निकालकर किसी दूसरे को देते है। और इसमें कोई बैंक शामिल नहीं होगी।
मतलब कि
आपके पॉकेट के पैसे = आपके डिजिटल पैसे या फिर डिजिटल टोकन या कूपन ~ अब इस डिजिटल रुपया को किसी को पेमेंट कीजिए = अपने पॉकेट से निकालकर किसी को पेमेंट कीजिए
रंजीत जायसवाल
UPI पेमेंट और डिजिटल रुपया में कोई अंतर है या नहीं?
देखिए इसका जवाब आपको अब तक आ जानी चाहिए। क्योंकि हमनें अब आपको ये क्लियर कर दिया है कि इस पेमेंट में बैंक का कोई भी रोल नहीं होगा। रिटेल डिजिटल करेंसी में आपको किसी बैंक को शामिल किए बिना ही लेने-देने में सक्षम है, जैसे की फिजिकल करेंसी में होता है। लेकिन ये यूपीआई से काफी अलग है, जिसमें आपके बैंक खाते से पैसा कटता है। इसी लिए दोनों एक दूसरे से फर्क है।
“रिटेल डिजिटल रुपया रिजर्व बैंक द्वारा लिगल टेंडर है।” और ये भी अन्य पेमेंट सिस्टम की तरह एक और नया डिजिटल रुपया पेमेंट का तरीका है।
अभी पूरे भारत में इसका उपयोग नहीं किया जा सकेगा
जैसा कि हमनें आपको ऊपर ये भी बताया है कि इस पहले पायलट प्रोजेक्ट में देशभर के चुनिंदा लोकेशन जैसे कि मुंबई, नई दिल्ली, बेंगलुरु और भुवनेश्वर में आज कवर किया गया है। और क्योंकि यह अभी पायलट / टेस्टिंग मोड में है। और यही कारण है कि वर्तमान में हर कोई डिजिटल रुपया का उपयोग नहीं कर पाएगा।
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