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रद्द हुई पूरी कृषि कानून अधिनियम, 2020
आज (01 दिसंबर 2021) और अब से कृषि कानून निरसन बिल, 2021 को कृषि कानून निरसन अधिनियम, 2021 कहा जा सकता है। इस अधिनियम के तहत, मूल्य आश्वासन और कृषि सेवा अधिनियम, 2020 पर किसान (सशक्तिकरण और संरक्षण) समझौता, किसान उत्पाद व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सुविधा) अधिनियम, 2020 और आवश्यक वस्तु (संशोधन) अधिनियम, 2020 इसके द्वारा निरस्त किया जाता है।
Read this Article in English; Bill repealing three farm laws gets President’s assent, This is how a law is withdrawn in India
कृषि कानून विधेयक (2020) से कृषि कानून अधिनियम (2020) तक की प्रक्रिया
आपको बता दे कि इन तीनों कानूनों को भारत सरकार ने पिछले साल (2020) में संसद के दोनों सदनों में कृषि कानून बिल, 2020 के नाम से लाई थी। भारत सरकार की ये तीनों कृषि कानून बिल संसद के दोनों सदनों लोकसभा और राज्यसभा में पारित हो गए थे. फिर जाकर, इस कृषि कानून बिल, 2020 पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के मुहर के बाद यह बिल ‘कृषि कानून अधिनियम, 2020’ बना था। आपको बता दे कि ये कानून 27 सितंबर 2020 को लागू हुए थे।
कृषि कानून अधिनियम, 2020 अब बना कृषि कानून निरसन अधिनियम, 2021
आखिरकार, देश के कृषि कानून अधिनियम, 2020 आज से पूरी तरह रद्द हो गए है। इन बिलों के विरोध में एक साल से राजधानी दिल्ली की सीमाओं पर किसानों ने डेरा डाल रखा है.
मोदी सरकार द्वारा 2020 में इस अधिनियम के तहत लाए गए तीनों कृषि कानूनों को रद्द करने के लिए संवैधानिक प्रावधानों के तहत, शीतकालीन सत्र के पहले ही दिन यानी 29 नवंबर 2021 (सोमवार) को केंद्र सरकार ने कृषि कानून निरसन विधेयक, 2021 लेकर आई।
कृषि कानून निरसन (वापसी) विधेयक, 2021 को 29 नवंबर को ही संसद के दोनों सदनों लोकसभा और राज्यसभा से पारित हो गए थे. संसद सदस्यों के भारी हंगामे के बीच ध्वनिमत से विधेयक पारित कराए गए थे।
कृषि कानून वापसी बिल, 2021 पर राष्ट्रपति ने लगाई मुहर
आज (बुधवार 01 December 2021 को) कृषि कानून वापसी बिल (विधेयक), 2021 पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने अपनी अंतिम मुहर लगा दी है. और अब से कृषि कानून निरसन बिल, 2021 को कृषि कानून निरसन अधिनियम, 2021 कहा जा सकता है। इसी के साथ ही तीनों कृषि कानून अब औपचारिक रूप से निरस्त हो गए हैं।
एमएसपी (MSP) पर किसान संगठनों में मतभेद
अब जब 2020 के तीनों कृषि कानून रद्द हो गए है तो कृषि कानून वापसी के बाद दिल्ली बॉर्डर पर चल रहे आंदोलन की वापसी को लेकर किसान संगठनों में खुलकर मतभेद सामने आ गए हैं. किसानों का एक धड़ा आंदोलन वापसी के मूड में है, जबकि दूसरे धड़ा सरकार से एमएसपी पर गारंटी देने की मांग कर रहा है.