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‘निर्वाचन विधि (संशोधन) विधेयक, 2021’ | Election Laws Amendment Bill 2021
Election Laws Amendment Bill 2021: देश में मंगलवार को (21-Dec-2021) चुनाव सुधार से संबंधित बिल को संसद से मंजूरी मिल गई है. सबसे पहले सोमवार को इस बिल को लोकसभा से मंजूरी मिली थी. आज राज्यसभा से बिल पारित हुआ. राज्यसभा ने ‘निर्वाचन विधि (संशोधन) विधेयक, 2021’ को ध्वनिमत से मंजूरी दी है. बिल पास होने के दौरान विपक्ष ने सदन से वॉकआउट किया. अब इस बिल को राष्ट्रपति की मंजूरी के लिए भेजा जाएगा.
किन कानूनों में होंगे बदलाव?
निर्वाचन विधि (संशोधन) विधेयक 2021 में जनप्रतिनिधित्व अधिनियम 1950 और जनप्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 में संशोधन किए जाने का प्रस्ताव किया गया है।
चुनावी कानूनों में क्या क्या बदलाव होंगे?
चुनाव आयोग ने विधि मंत्रालय से जनप्रतिनिधित्व कानून में सैन्य मतदाताओं से संबंधित प्रावधानों में ‘पत्नी’ शब्द को बदलकर ‘स्पाउस’ (जीवनसाथी) करने को कहा था. इसके तहत एक अन्य प्रावधान में युवाओं को मतदाता के रूप में प्रत्येक वर्ष चार तिथियों के हिसाब से पंजीकरण कराने की अनुमति देने की बात कही गई है. वर्तमान में एक जनवरी या उससे पहले 18 वर्ष के होने वालों को ही मतदाता के रूप में पंजीकरण कराने की अनुमति दी जाती है.
- इस विधेयक पर संक्षिप्त चर्चा का जवाब में वर्तमान के विधि एवं न्याय मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि सरकार ने निर्वाचन कानून में संशोधन का प्रस्ताव इसलिए किया ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि कोई व्यक्ति एक से अधिक निर्वाचन क्षेत्र में पंजीकरण नहीं करा सके तथा फर्जी मतदान को रोका जा सके.
- रिजिजू ने कहा कि अब तक की व्यवस्था में 18 साल पार होने के बाद भी काफी लोग मतदान करने से वंचित रह जाते हैं क्योंकि एक जनवरी को पंजीकरण संबंधी एक ही ‘कट आफ’ तारीख होती है और इसमें ही नए मतदाताओं का पंजीकरण होता है. अब पंजीकरण के संबंध में चार तारीखें होंगी जो एक जनवरी, एक अप्रैल, एक जुलाई और एक अक्टूबर होगी. उन्होंने कहा, ‘‘हम चाहते हैं कि निर्वाचन सूची अच्छी हो. ऐसा सभी चाहते हैं.
- इस नए बिल के अनुसार, इसके कानून बनने के बाद, आधार और वोटर कार्ड (Voter ID Card) को लिंक किए जाएंगे। लिंक करने से फर्जी वोटर्स पर लगाम लगेगी. मतदाता सूची में दोहराव और फर्जी मतदान रोकने के लिए मतदाता कार्ड और सूची को आधार कार्ड से जोड़े जाएंगे।
- आपको बता दे कि इस नए चुनाव संबंधी कानून को सैन्य मतदाताओं के लिए लैंगिक निरपेक्ष बनाए जाने की बात की है. वर्तमान चुनावी कानून के प्रावधानों के तहत, किसी भी सैन्यकर्मी की पत्नी को सैन्य मतदाता के रूप में पंजीकरण कराने की पात्रता है लेकिन महिला सैन्यकर्मी का पति इसका पात्र नहीं है.
लेकिन इस बिल पर राष्ट्रपति के मुहर लगने के बाद जब यह ‘निर्वाचन विधि (संशोधन) अधिनियम, 2021’ बन जाएगा तब इस नए कानून के प्रावधानों के तहत, सैन्य मतदाताओं से संबंधित प्रावधानों में ‘पत्नी’ शब्द को बदलकर ‘स्पाउस’ (जीवनसाथी) किया जाएगा।
विपक्ष क्या कह रही है?
विपक्षी सदस्यों ने विधेयक को मौलिक अधिकारों एवं निजता के अधिकार का उल्लंघन करने वाला बताया है. विपक्षी सदस्यों ने इस विधेयक के प्रावधानों का दुरूपयोग होने की आशंका जताते हुए कहा कि इससे मतदाताओं का एक बड़ा वर्ग विशेषकर समाज का वंचित वर्ग प्रभावित होगा.
Ranjeetians की क्या राय है?
Ranjeet और Ranjeetians टीम यह मानती है कि यह एक एक देश के सभी नागरिकों के प्रति समानता की पहल लाने वाली कानून होगी। यह किसी अल्पसंख्यक या बहुमत के बारे में नहीं है। यह संविधान के तहत सभी के लिए समानता के बारे में है! लेकिन हां, एक बात यह है कि इस सरकार को या आने वाली सभी सरकारें को भारत के लोगों की डाटा प्राइवेसी की हमेशा ख्याल रखनी होगी और उसके सिक्युरिटी के लिए बेस्ट क्वालिटी सर्विसेज की बंदोबस्त रखनी होगी।