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भारत के 15वें राष्ट्रपति
द्रौपदी मुर्मू एक भारतीय राजनेता है, जिन्होंने आज ही भारत गणराज्य के राष्ट्रपति पद का चुनाव जीत कर हमारे देश की 15वीं राष्ट्रपति बन गई है। वह भारत की पहली आदिवासी राष्ट्रपति बनी है और उन्हें हमारे देश की दूसरी महिला राष्ट्रपति बनने का सौभाग्य प्राप्त हुआ है। और वे भारत के ओडिशा से पहली राष्ट्रपति बनी है।
हमारी पूरी Ranjeetians World टीम की ओर से श्रीमती द्रौपदी मुर्मू जी को भारत के 15वें राष्ट्रपति चुने जाने पर हार्दिक बधाई और आपके कार्यकाल के लिए शुभकामनाएं।
रंजीत जायसवाल
यह लेख इंग्लिश में यहां से पढ़े:
To Read This Article in English, Click Here; Droupadi Murmu became the 15th President of India, know everything about our new President in details
द्रौपदी मुर्मू का व्यक्तिगत और प्रारंभिक जीवन
द्रौपदी मुर्मू का जन्म 20 जून 1958 को ओडिशा के मयूरभंज जिले के बैदापोसी गांव में हुआ था. उनके पिता का नाम बिरंची नारायण टुडू हैं. वह संथाल परिवार से ताल्लुक रखती हैं. वह भारतीय जनता पार्टी की सदस्य हैं. 2006 से 2009 तक एसटी मोर्चा की प्रदेश अध्यक्ष रहीं. द्रौपदी मुर्मू ने शिक्षक के रूप में भी काम किया है.
द्रौपदी मुर्मू बहुत ही गरीब परिवार से ताल्लुक रखने वाली ओडिशा के एक बहुत ही पिछड़े जिले से आती हैं। लेकिन, सभी तरह की कठिनाइयों के बावजूद पढ़ाई के प्रति उनकी ललक ऐसी थी कि उन्होंने अपना शिक्षा पूर्ण किया।
बिना सैलरी लिए पढ़ाती थीं
आपको बता दे कि राजनीति में आने से पहले मुर्मू टीचर रही हैं। उन्होंने शिक्षक के रूप में भी काम किया है. वह एक सामान्य शिक्षक से राजनीति के सर्वोच्च शिखर की ओर बढ़ी हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, समाज सेवा के प्रति उनका समर्पण ऐसा रहा है कि रायरंगपुर के श्री अरबिंदो इंटिग्रल एजुकेशन सेंटर में वह बिना सैलरी के पढ़ाती थीं।
ओडिशा में सर्वश्रेष्ठ एमएलए के लिए ‘नीलकंठ अवॉर्ड’ मिला
2007 में ओडिशा सरकार द्रौपदी मुर्मू को सर्वश्रेष्ठ एमएलए के लिए ‘नीलकंठ अवॉर्ड’ भी दे चुकी है। ओडिशा में राजनीति करने के दौरान उन्होंने आदिवासी समुदाय के उत्थान के लिए काफी सक्रिय योगदान दिया है।
द्रौपदी मुर्मू के राजनीतिक कार्यकालों की कुछ बातें
जैसा कि मैंने आपको ऊपर बताया कि वे राजनीति में आने से पहले टीचर रही हैं। उसके बाद पहले वह पार्षद और फिर विधायक बनीं. ओडिशा में बीजेडी और बीजेपी गठबंधन सरकार के दौरान द्रौपदी मुर्मू 2000 और 2004 के बीच वाणिज्य और ट्रांसपोर्ट और फिर बाद में मत्स्य और पशुपालन संसाधन विभाग में मंत्री का दायित्व भी संभाल चुकी हैं।
जब, केंद्र में 2014 में नरेंद्र मोदी की सरकार बनी तो 2015 में उन्हें झारखंड की पहली महिला और आदिवासी गवर्नर के तौर पर ताजपोशी हुई। यानी की उनके पास एक लंबा प्रशासनिक अनुभव है।
राष्ट्रपति चुनाव 2022: उम्मीदवार व अन्य जानकारियां
मालूम हो कि भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए ने 21 जून को राष्ट्रपति चुनाव के लिए झारखंड की पूर्व राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू को राष्ट्रपति पद के लिए अपना उम्मीदवार चुना था।
और संयुक्त विपक्षी दलों ने पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा को राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के रूप में नामित किया था।
9 जून, 2022 को भारत के चुनाव आयोग के मुख्य चुनाव आयुक्त ने बताया था कि राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का कार्यकाल 24 जुलाई को समाप्त होगा। राष्ट्रपति चुनाव के लिए 18 जुलाई को मतदान होगा। मतगणना 21 जुलाई को की जाएगी। इस क्रम में आगे बढ़ते हुए 18 जुलाई को शांतिपूर्ण ढंग से मतदान भी हो गया है और आज 21 जुलाई को राष्ट्रपति चुनाव का परिणाम भी सामने सामने आ गया है।
द्रौपदी मुर्मू आज भारत गणराज्य के राष्ट्रपति पद का चुनाव जीत कर हमारे देश की 15वीं राष्ट्रपति बन गई है।
इस लेख को कंप्लीट करते हुए, हम आपको बताते चले कि हाल में विपक्ष के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा ने कहा था कि “मैं राष्ट्रपति बना तो ‘CAA’ क़ानून को मंज़ूरी नहीं दूंगा”।