R.Bharat 🇮🇳
अस्वीकरण
यह पुरी की पूरी लेख देश और दुनिया के अलग अलग लोगों, संस्थाओं और कुछ अपनी जानकारी के आधार पर लिखे गए है। हमने यह विस्तृत लेख सिर्फ आपको इस मुद्दे के बारे में सर्वोत्तम जानकारी प्रदान करने के लिए लिखा है। हम आपको ये सुनिश्चित करना चाहते हैं कि इस लेख की शब्दों को हमने आम भाषा में लिखा है ताकि सभी को आसानी से मतलब समझ आ सके। अंत: ये मालूम हो कि हम (मैं या हमारी वेबसाइट) सभी धर्मों का समान रूप से सम्मान करते हैं और हम सभी अपने महान देश (भारत) के संविधान का पालन करते हैं। इसलिए हम अपने सभी पाठकों से यह भी अनुरोध करते हैं कि इस प्लेटफॉर्म के किसी भी लेख की किसी भी शब्द अथवा पंक्ति को नकारात्मक तरीके से भी न लें।
आज के इस विश्व प्रसिद्ध मामले के बारे में हम आपको पॉइंट्स में समझाएंगे। अब चलिए थोड़ा ध्यान से समझते है।
नूपुर शर्मा के क्या बयान थे?
नूपुर शर्मा, बीजेपी से निष्कासित नेता और पूर्व प्रवक्ता, ने इसी बीते 27 मई को वाराणसी में ज्ञानवापी मस्जिद मामले पर एक टीवी डिबेट के दौरान आरोप लगाया था कि कुछ लोग लगातार हिंदू धर्म का मजाक उड़ा रहे हैं. अगर ऐसा है तो वह दूसरे धर्मों का भी मजाक उड़ा सकती है। इस दौरान नुपुर ने कुरान का हवाला देते हुए पैगंबर मोहम्मद से जुड़ी कुछ टिप्पणियां की थीं. इसमें उन्होंने शादी के समय पैगंबर मोहम्मद की पत्नी आयशा की क्या उम्र थी, इस बात का जिक्र किया था.
क्या बयान गलत है, जिससे विवाद शुरू हो गई?
अगर आप डिबेट के वीडियो क्लिप देखेंगे तो आपको ये पता चलेगा कि नूपुर शर्मा ने टीवी डिबेट में यह कहा कि वे हिंदू धर्म, शिव जी, शिवलिंग व हिंदू देवी-देवताओं का मजाक उड़ा रहें है। वह गुस्से में थीं और शर्मा ने उसे जवाब में कुरान का हवाला देते हुए पैगंबर मोहम्मद साहब से जुड़ी कुछ टिप्पणियां की थी, जिसे ऊपर आपने पढ़ा है और वीडियो क्लिप भी कही न कही से तो देखे होंगे।
सभी जानते हैं, हदीस में कहा गया है कि पैगंबर मोहम्मद ने जब आयशा से शादी की तब वह सिर्फ 9 साल की थी।
- जाकिर नाइक, जो की एक भारतीय इस्लामिक उपदेशक है, उन्होंने इसी बात को कई बार देश और दुनिया के इस्लामिक मंचों पर सुना चुके है और मुसलमानों को अच्छे से बता भी चुके है, तब तो सब सही है, बात भी सही थी, और बयान भी क्योंकी यह सच है। इसकी भी जानकारी गूगल और यूट्यूब पर विडियोज के रूप में उपलब्ध है।
- हमारे देश से लेकर पुरी दुनिया भर में और भी बहुत से लोग, संस्था, समुदाय और समाज है, जो की इस बात को अच्छे से मानते है और आज जब यह भारत का बयान पूरी दुनिया में चर्चा का विषय बना हुआ है तब उनके भी बयान नूपुर शर्मा के पक्ष में ही आ रहे है।
- अगर आप ऊपर लिखे गए 3 पॉइंट्स को पढ़े है तो आपको ये समझ आया होगा कि नूपुर शर्मा के बयान गलत नही है। और जब उनके बयान गलत नही है तो देशभर में विद्रोह क्यों हो रहा है? ये मुस्लिम समाज के लोग पूरी प्लान के साथ देशभर में जुम्मे की नमाज के बाद दंगे फरसाद और आगजनी को अंजाम किस मकसद से दे रहे है?
अगर आपके सोच मात्र से उनके बयान गलत है भी, तो क्या आप सही है?
सबसे पहले एक बात समझ लीजिए आप, हमारा देश एक लोकतांत्रिक देश है, यहां कानून का शासन है, और अगर कहीं कुछ गलत है, तो उसके लिए सबसे पहले संविधान है और अदालत तय करेगी कि उनका बयान कानूनी है या अवैध।
लेकिन मुस्लिम समाज तो पूरे देश में हिंसक प्रदर्शन कर रहे हैं। देश भर के कई राज्यों में बीते शुक्रवार (10 जुन, 2022) को पूरी प्लानिंग के साथ जुम्मे की नमाज के बाद दंगे-फरसाद और आगजनी को अंजाम देने लगे।
इन सब कार्यों से क्या आप सही है? क्या आप भारत के संविधान का सम्मान कर रहे है? क्या आपके लिए आपका धर्म आपके देश और उसके संविधान से ऊपर हो गया है?
भारत की बात
अगर जवाब हां है, तो सबसे बड़ा अपराधी आप है और हर वो व्यक्ति है जो कि बात को बिना समझे अपराधिक घटनाएं को अंजाम देने वाले समूहों का हिस्सा बन रहे है।
भाई, हमारा देश एक धर्मनिरपेक्ष देश है, सबको बोलने की आजादी है और सबको एक बराबर का अधिकार है। और जब इतना है तो किसी नेशनल टेलीविजन के डिबेट में जब एक व्यक्ति हिन्दू धर्म, शिव जी, शिवलिंग व हिंदू देवी-देवताओं का मजाक उड़ाएंगे तो क्या एक हिंदू अपनी धर्म की मान-सम्मान के लिए आपको जवाब नही देंगे?
नूपुर शर्मा ने भी बस यही किया वो भी उसी डिबेट में, जो की सत्य है और जिसे मुस्लिम समाज के जाकिर नाइक जैसे मुस्लिम उपदेशक भी स्वीकार करते है और हर बार इस बात को बताते आए है।
- और जब यह बयान सत्य है, तो उनके बयान किसी की धार्मिक भावनाओं को कैसे आहत कर सकती हैं? इसका मतलब ये है कि नूपुर शर्मा के बयान किसी के धार्मिक भावनाओं को आहत करने का है ही नही। रही बात नूपुर शर्मा के बयान देने की तरीके की तो, भाई आप जिस भाषा में बोलेंगे तो आपको जवाब भी उसी भाषा में मिलेगा न?
जिन्हें अब भी कुछ नहीं समझ आया है उन्हें एक और ज्ञान दे दूं कि –
नीदरलैंड के सांसद गिर्ट विल्डर्स ने नूपुर शर्मा विवाद पर NBT Online से बात करते हुए कहा कि –
लोकतंत्र में आप अभिव्यक्ति की आजादी के रूप कानून के दायरे में रहते हुए किसी भी धर्म की आलोचना कर सकते हैं। भारत जैसे देश में सिर्फ अदालतों को सही गलत तय करने का अधिकार है। इसलिए अगर नूपुर शर्मा ने कुछ गलत बोला है तो यह तय करने का अधिकार सिर्फ अदालत को है न कि उन देशों को जो उन्हें धमकी दे रहे हैं और भारतीय प्रोडक्ट्स का बहिष्कार कर रहे हैं।
मुझे उम्मीद है कि भारत को ऐसी महिला पर गर्व होगा जिसने किसी भी कानून का उल्लंघन नहीं किया है और सिर्फ सच बोला है।
नीदरलैंड के सांसद गिर्ट विल्डर्स
ऐसे कई सारे और देश और विदेश से आए बयान है जिसे आप चाहे तो गूगल से पढ़ सकते है।
इस बयान पर Ranjeetains की क्या राय है?
आपको हमने शुरू में भी बताया है कि हम (मैं या हमारी वेबसाइट) सभी धर्मों का समान रूप से सम्मान करते हैं और हम सभी अपने महान देश (भारत) के संविधान का पालन करते हैं। और
जितने तथ्यों को हमने अब तक जाना है, सुना है, पढ़ा है और देखा है, उन सभी के आधार पर हम यह आपको कहते है कि नूपुर शर्मा का बयान सही है, उन्होंने कोई गलत आरोप नही लगाया है, और ना ही कुछ गलत बोल मुस्लिम धर्म के लोगों के भावनाओं को आहत पहुंचाने का काम किया है।
Ranjeetians
फिर भी, हम ये मानते हैं कि अगर ये बयान मुस्लिम समाज के लिए गलत लग रहा है, तो इसका फैसला अदालत तय करेगी की उनका बयान कानूनी है या नहीं। अदालत के फैसले आने तक सभी को रुकनी चाहिए थी। लेकिन मुस्लिम समाज कोर्ट के फैसले का इंतजार किए बिना ही पूरे देश में हिंसक प्रदर्शन कर रहे हैं। ये तो सबसे पहले गलत है। और इस पर प्रशासनिक कारवाई सबसे पहले होनी चाहिए।
नोट: इस डिबेट में जिन बातों से मुस्लिम पक्ष द्वारा हिंदू धर्म, शिव जी, शिवलिंग व हिंदू देवी-देवताओं का मजाक उड़ा रहें थे, उन बातों का तो कोई फैक्ट भी नही है, आम तरीके से देखा जाए तो वहां तो हिन्दू धर्म का खुलेआम मजाक बनाई जा रही थी। लेकिन नूपुर के बयान तो सत्य है। फिर भी एक बार के लिए नूपुर ने 5 जून, 2022 को ये कहते हुए अपने शब्द वापिस ले ली कि –
किसी की गिरफ्तारी किसी की मांग पर नहीं होती
नूपुर शर्मा को गिरफ्तार करने की एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी की मांग पर प्रतिक्रिया देते हुए विश्व हिंदू परिषद (विहिप) के अंतर्राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष आलोक कुमार ने कहा है कि गिरफ्तारी किसी की मांग के आधार पर नहीं की जाती है। कुमार ने कहा कि गिरफ्तारी कानून के अनुसार की जाती है। नूपुर शर्मा ने जो कहा है वह कैमरे पर है। पुलिस को किसी चीज की जरूरत नहीं है। वे कैमरे पर कही गई बातों को सुन सकते हैं, उसका आकलन कर सकते हैं और रिपोर्ट दर्ज कर सकते हैं। तो वह इस स्तर पर गिरफ्तारी की बात क्यों कर रहे हैं?”
इस पूरे मामले पर आपकी क्या प्रतिक्रिया है? कौन सही है और कौन गलत? कमेंट करके हमें जरूर बताए।