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प्रधानमंत्री गति शक्ति योजना का ऐलान
आजादी के 75वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल किले की प्राचीर से अपने संबोधन के दौरान प्रधानमंत्री गति शक्ति योजना का ऐलान किया था। प्रधानमंत्री ने कहा था कि बहुत जल्द गति शक्ति योजना लॉन्च की जाएगी. यह योजना 100 लाख करोड़ रुपये से भी अधिक की योजना होगी. यह योजना लाखों युवाओं के लिए रोजगार के अवसर प्रदान करेगी. यह देश का मास्टर प्लान बनेगा जो इंफ्रास्ट्रक्चर की नींव रखेगा.
प्रधानमंत्री गति शक्ति योजना का शुरुआत
और अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 13 October, 2021 को ‘प्रधानमंत्री गति शक्ति नेशनल मास्टर प्लान’ की शुरुआत की।
आइए अब सबसे पहले ये जानते है कि आखिर….
PM गति शक्ति नेशनल मास्टर प्लान क्या है? कौन करेगा इस पूरे मास्टर Plan की अध्यक्षता?
इस मास्टर प्लान के तहत एक “डिजिटल प्लेटफॉर्म” बनाया जाएगा। ये प्लेटफॉर्म रेल और रोडवेज समेत 16 मंत्रालयों को साथ जोड़ेगा, जिससे इन्फ्रास्ट्रक्चर कनेक्टिविटी प्रोजेक्ट्स की इंटीग्रेटेड प्लानिंग और इम्प्लीमेंटेशन हो सके। ये योजना अलग-अलग मंत्रालयों के बीच गतिरोध को खत्म करेगी। पीएम गति शक्ति प्रोजेक्ट को पूरा करने के लिए मंत्रालयों के बीच एक नजदीकी सहयोग की जरूरत होगी।
इससे डेवलपमेंट के कामों को स्पीड देने की कोशिश की जाएगी। इससे जुड़े सभी प्रोजेक्ट्स को जियोग्राफिक इन्फॉर्मेशन सिस्टम (GIS) मोड में डाल दिया गया है, जिन्हें 2024-25 तक पूरा किया जाना है।
NIP (National Infrastructure Pipeline) या गति शक्ति नेशनल मास्टर प्लान एक तरह का फ्रेमवर्क है जिसके जरिए प्लांड इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स पर नजर रखी जाएगी। इससे इन योजनाओं के बेहतर तरीके से इम्प्लीमेंटेशन में मदद मिलेगी।
अब बात आती है कि ठीक है कि ये सभी 16 मंत्रालयों मिलकर अपनी अपनी सेक्टर में काम करेंगे फिर ये बताईए कि आखिर इस मास्टर प्लान की अध्यक्षता या फाइनल मॉनिटरिंग कौन करेगा?
कौन करेगा इस पूरे मास्टर Plan की अध्यक्षता?
चलिए अब आपको ये भी बता ही देते है। आप जानते है कि हर मंत्रालय का अपना एक सचिव (जैसे की वित्र सचिव, रक्षा सचिव आदि) होता है और उनकी मॉनिटरिंग में वह मंत्रालय अपने कार्यों को Execute करता है।
लेकिन इस मास्टर प्लान के लागू होने के बाद इस प्लान के सभी 16 मंत्रालयों के सभी सचिव (16 IAS Officers) है वे अब एक कैबिनेट सचिव (Cabinet Secretary) जो कि देश के सबसे बड़े IAS अधिकारी होते है, के अध्यक्षता में उनके साथ मिलकर काम करेंगे। कैबिनेट सचिव की अध्यक्षता में सभी मंत्रालयों के सभी सचिव मिलकर फैसले लेंगे।
पीेएम गति शक्ति योजना का मुख्य उद्देश्य/लक्ष्य
PM Gati Shakti प्लान में 11 औद्योगिक कॉरिडोर्स और 2 डिफेंस कॉरिडोर्स के बीच इंटरकनेक्टिविटी की बात की गई है। साथ ही इसमें 220 एयरपोर्ट, हैलिपैड और वॉटर एयरोड्रम के साथ ही 2 लाख किमी का NH नेटवर्क बनाने की भी बात है। गति शक्ति प्लान में कार्गो हैंडलिंग कैपेसिटी बढ़ाने, सभी गांवों में 4G कनेक्टिविटी, 17000 किमी गैस पाइपलाइन और 200 से ज्यादा फिशिंग क्लस्टर बनाने जैसे प्लान भी हैं।
100 लाख करोड़ रुपए आएंगे कहां से?
2019 के बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स के लिए 100 लाख करोड़ का ऐलान किया था। वित्त मंत्री ने इस बजट में कहा था कि ये पैसे अगले पांच वित्त वर्ष (2019-20 से 2024-25 तक) में खर्च किए जाएंगे। इस नेशनल इन्फ्रास्ट्रक्चर पाइपलाइन ( National Infrastructure Pipeline- NIP) का प्लान बनाने के लिए एक टास्क फोर्स बनाई गई थी। जिसने अप्रैल 2020 में अपनी रिपोर्ट सब्मिट की। इस टास्क फोर्स ने प्रोजेक्ट के लिए 111 लाख करोड़ के इन्वेस्टमेंट की जरूरत बताई है।
आपको बता दे कि स्रोत के अनुसार, NIP में खर्च होने वाले पैसों में से 39% केंद्र सरकार देगी, 40% खर्च राज्य सरकारों को करना होगा और बचे हुए 21% का फंड प्राइवेट सेक्टर से जुटाया जाएगा।
सरकार के इस ‘मास्टर प्लान’ में 16 केंद्रीय मंत्रालयों में से प्रोजेक्ट की 72% हिस्सेदारी मुख्य चार सेक्टर (एनर्जी सेक्टर- 24%, 19% रोड, 16% इन्फ्रास्ट्रक्चर और 13% रेलवे के प्रोजेक्ट) की होगी।
कौन-कौन सी पुरानी योजनाएं इस प्लान में शामिल हैं?
अगस्त 2020 में वित्त मंत्रालय ने बताया था कि NIP में शामिल प्रोजेक्ट्स में से 40% प्रोजेक्ट्स (जैसे भारतमाला प्रोजेक्ट 2017 में, सागरमाला प्रोजेक्ट 2015 में, उड़ान योजना 2016 में, रेल नेटवर्क, इनलैंड वाटरवे और भारत नेट जैसी योजनाएं 2015 ) पर पहले से काम चल रहा है। 30% प्रोजेक्ट ऐसे हैं जिनका कॉन्सेप्ट तैयार है। 20% प्रोजेक्ट्स ऐसे हैं जिन्हें चिह्नित करके उनकी डीटेल तैयार कर ली गई है, लेकिन उनके लिए अभी फंड नहीं जुटाया जा सका है। वहीं, 10% प्रोजेक्ट्स को अभी चिह्नित किया जाना बाकी है।
मुख्य मंत्रालयों के लक्ष्य
रेलवे, रोड और नागरिक उड्डयन मंत्रालय के लक्ष्य
रेलवे को 1600 मिलियन टन कार्गो का लक्ष्य दिया गया है. रोड ट्रांसपोर्ट मंत्रालय को नेशनल हाई वे को 2 लाख रूट किलोमीटर तक करने का लक्ष्य दिया गया है. सिविल एविएशन मिनिस्ट्री को 220 एयरपोर्ट, हेलिपैड, वाटर एरोड्रोम बनाने का लक्ष्य दिया गया है.
पेट्रोलियम और ऊर्जा मंत्रालय के लक्ष्य
पेट्रोलियम मंत्रालय को 17,000 किलोमीटर अतिरिक्त गैस पाईप लाईन बिछाने का लक्ष्य दिया गया है. ऊर्जा मंत्रालय को पावर ट्रांसमिशन नेटवर्क को 4,54,200 सर्किट किलोमीटर तक करने का लक्ष्य दिया गया है. रिनेवेबल एनर्जी कैपेसिटी को 225 गीगा वॉट तक करने का लक्ष्य दिया गया है.
टेलीकॉम, स्वास्थ्य और टेक्स्टाईल के लक्ष्य
टेलिकॉम मंत्रालय को 2022 तक देश कर सभी गांवों में 4G मोबाईल कनेक्टिविटी पहुँचाने का लक्ष्य दिया गया है. 109 फ़ार्मा एंड मेडिकल डिवाइस क्लस्टर बनाए जाएंगे. 90 मेगा टेक्स्टाईल क्लस्टर, मेगा टेक्सटाईल पार्क बनाने का लक्ष्य दिया गया है.
फ़िशरीज़ और फ़ूड मिनिस्ट्री के लक्ष्य
202 फ़िशिंग क्लस्टर, फ़िशिंग हार्बर, लैंडिंग सेंटर बनाने के साथ फ़िशिंग एक्सपोर्ट को दो गुना करने का लक्ष्य दिया गया है. 197 मेगा फ़ूड पार्क और एर्गो प्रोसेसिंग सेंटर बनाने का लक्ष्य दिया गया है. फ़ूड प्रोसेसिंग और प्रिज़रवेशन कैपेसिटी को 847 लाख मिट्रिक टन करने का लक्ष्य दिया गया है.
डिफ़ेंस और इंडस्ट्रियल कॉरिडोर
2 डिफ़ेंस कॉरिडोर और 25,000 एकड़ डेवलप्ड एरिया वाले 11 इंडस्ट्रियल कॉरिडोर बनाने का लक्ष्य दिया गया है.
भारत में इसके सफलता के क्या परिणाम होंगे?
इतना पढ़ने और जानने के बाद ये कहना बिल्कुल भी गलत नहीं होगा कि अगर इसे सुनिश्चित किया जा सके तो इससे देश के आर्थिक विकास को गति और शक्ति दोनों मिलेगी। भारत के इन महत्वाकांक्षी योजनाओं के ब्लूप्रिंट में मल्टीमॉडल ट्रांसपोर्ट की जो बातें की गई है और इसमें सड़क, रेलवे और पोर्ट आदि सभी शामिल हैं, के बेहतर कनेक्टिविटी से तेज आर्थिक विकास जरूर होगा।