R.Bharat 🇮🇳
स्वतंत्रता दिवस 2022:
आज हमारा देश 🇮🇳 अपनी आजादी की 75वीं वर्षगांठ मना रहा है और हमारे देश का 76वां स्वतंत्रता दिवस है। आपको और समस्त भारतवासियों को स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं।
जय हिंद!
रंजीत जायसवाल (लेखक)
आजादी का अमृत महोत्सव:
सबसे पहले आपको बता दे कि 13 अगस्त 2022 से लेकर आज 15 अगस्त 2022 तक, हम भारतवासी अपने आजादी का अमृत महोत्सव मना रहे है।
आज जब हम आजादी का अमृत महोत्सव मना रहे हैं, तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल किले से कहा है कि विश्व भारत की ओर गर्व, अपेक्षा से देख रहा है। दुनिया समस्याओं का समाधान भारत की धरती पर खोजने लगी है। यह हमारे 75 साल की अनुभव यात्रा का परिणाम में है। जिस तरह से संकल्प लेकर हम चल रहे हैं, दुनिया हमारी ओर देख रही है। मैं इसे इतनी शक्ति के रूप में देखता हूं। मैं थ्री शक्ति के तौर पर देखता हूं।
आजादी का अमृत काल:
पाठकों, आज भारत आजादी का अमृत महोत्सव रहा है। लेकिन इसी के साथ आज से अगले 25 साल का समय (2047 तक) हमारे भारत के लिए आजादी का अमृत काल खंड होगा। आज हम आजादी के अमृत महोत्सव से बढ़कर आजादी के अमृत काल में कदम रख चुके है।
विकसित भारत के लिए 25 साल का ब्लू प्रिंट:
इसी के साथ आज लाल किले की प्राचीर में ध्वजारोहण के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि 25 साल के पंच प्रण के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि आने वाले 25 साल के लिए हमें ‘पंच प्रण’ पर अपनी शक्ति, संकल्पों और सामर्थ्य को केंद्रित करना होगा। अनुभव कहता है कि एक बार हम सब संकल्प लेकर चल पड़ें, तो हम निर्धारित लक्ष्यों को पार कर लेते हैं।
विकसित भारत बनाने के ‘पंच प्रण’:
1) विकसित भारत
विकसित भारत: स्वच्छता अभियान, वैक्सीनेशन, ढाई करोड़ लोगों को बिजली कनेक्शन, खुले में शौच से मुक्ति, रिन्यूएबल एनर्जी, हम सभी मानकों पर संकल्प से बढ़ रहे हैं।
2) शत प्रतिशत गुलामी की सोच से आजादी
शत प्रतिशत गुलामी की सोच से आजादी: राष्ट्रीय शिक्षा नीति गुलामी की उसी सोच से मुक्ति का रास्ता है। हमें किसी भी तरह के गुलामी से मुक्ति पानी होगी। हमें विदेशी सर्टिफिकेट नहीं चाहिए। हमें देश की हर भाषा पर गर्व होना चाहिए। डिजिटल इंडिया और स्टार्टअप देश की उभरती सोच व ताकत का परिणाम है।
3) विरासत पर गर्व
विरासत पर गर्व: जब हम अपनी धरती से जुड़ेगे, तभी ऊंचा उड़ेगे। तभी विश्व को समाधान दे पाएंगे। लिहाजा विरासत पर गर्व जरूरी है मोटा धान हमारी विरासत का ही हिस्सा है। संयुक्त परिवार हमारी विरासत का हिस्सा है। पर्यावरण की सुरक्षा हमारी विरासत में छिपी है।
4) एकता और एकजुटता
एकता और एकजुटता: विविधता को सेलिब्रेट करना है. जेंडर इक्वालिटी, इंडिया फर्स्ट, श्रमिकों का सम्मान इसी का हिस्सा है। नारी का अपमान एक प्रमुख विकृति है, जिससे मुक्ति का रास्ता खोजना ही होगा।
और सबसे जरूरी प्रण है ये 5वा प्रण जिसमें प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री से लेकर हर एक भारत के लोग शामिल है क्योंकि सब को भारत के नागरिक है;
5) नागरिकों का कर्तव्य
नागरिकों का कर्तव्य: नागरिकों का कर्तव्य प्रगति का रास्ता तैयार करता है। यह मूलभूत प्रणशक्ति है। बिजली की बचत, खेतों में मिलने वाला पानी की पूरा इस्तेमाल, केमिकल मुक्त खेती, हर क्षेत्र में नागरिकों की जिम्मेदारी और भूमिका बनती है।
आने वाले 25 साल के लिए हमें उन पंच प्राण पर अपनी शक्ति को केंद्रित करना होगा। 2047 जब आजादी के 100 साल होंगे, आजादी के दिवानों के सारे सपने पूरे करने का जिम्मा उठाकर चलना होगा। पीएम ने कहा कि हम जीव में भी शिव देखते हैं, हम वो लोग हैं जो नर में नारायण देखते हैं, हम वो लोग हैं जो नारी को नारायणी कहते हैं, हम वो लोग हैं जो पौधे में परमात्मा देखते हैं… ये हमारा सामर्थ्य है, जब विश्व के सामने खुद गर्व करेंगे तो दुनिया करेगी।