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भारत-नेपाल के बीच पहला रेल सेवा शुरू
बीते 2 अप्रैल को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और नेपाल के पीएम शेर बहादुर देउबा ने दोनों देशों के बीच 35 किलोमीटर लंबी जयनगर और कुर्था के बीच यात्री ट्रेन इस रेल सेवा का उद्घाटन किया. इसके साथ ही भारत और नेपाल के बीच आठ साल बाद रेल सेवा शुरू हो सकी. दिनांक 03- April-2022 से भारत और नेपाल के बीच यह रेल सर्विस बिहार में मधुबनी जिले के जयनगर से नेपाल के जनकपुर होते हुए कुर्था तक के लिए शुरू हुई है. दोनों देशों के बीच यह रेल सेवा 34.9 किमी की है. भारत और नेपाल के बीच शुरू हुए इस रेल मार्ग पर 127 छोटे और 15 बड़े पुलों का निर्माण किया गया है. नेपाल और भारत के बीच पहली ब्रॉड गेज यात्री ट्रेन लिंक होगी।
जनकारी के मुताबिक़, इस ट्रेन में भारत व नेपाल को छोड़कर किसी अन्य देश के नागरिक (आवश्यक पहचान पत्र के साथ) सफर नहीं कर सकेंगे.
भारत और नेपाल के बीच पश्चिम चम्पारण के रक्सौल से लेकर काठमांडू तक रेल लाइन का निर्माण
रिपोर्ट्स के अनुसार, भारत और नेपाल के बीच पश्चिम चम्पारण के रक्सौल से लेकर काठमांडू तक रेल लाइन का निर्माण किया जाएगा। इस प्रोजेक्ट के दो चरणों का सर्वे लगभग पूरा हो चुका है और अब तीसरे चरण के सर्वे का अभी भी काम चल ही रहा है.
न्यूज एजेंसियों की गलियों से ये खबरें आ रही है कि बिहार के रक्सौल से नेपाल की राजधानी काठमांडू तक रेल लाइन परियोजना में कुल 13 रेलवे स्टेशन होंगे। इन स्थानों में रक्सौल, बीरगंज, बगही, पिपरा, धूमरवाना, काकरी, चंद्रपुर, ध्यान, शिखरपुर, सिसनेरी, साथिकेल और काठमांडू शामिल हैं। फिलहाल सड़क मार्ग से रक्सौल से नेपाल की राजधानी काठमांडू की दूरी करीब 150 किमी है। इस रूट पर ट्रेन सेवा बहाल होने के बाद यह दूरी घटकर करीब 136 किलोमीटर रह जाएगी।
इस रेल लाइन प्रोजेक्ट की डिटेल्स
आपको यह भी पता होना चाहिए कि 136 किमी लंबे इस रेल मार्ग में 32 रोड ओवरब्रिज, 39 बड़ी और छोटी सुरंगें, 41 बड़े रेलवे पुल, 53 अंडरपास, 259 छोटे पुल होंगे। इन सभी की कुल लंबाई 41.87 किलोमीटर है। यहां बता दें कि इस परियोजना पर 16 हजार 550 करोड़ रुपये खर्च होने की संभावना है।
भारत-नेपाल के बीच सफर में वर्तमान का मार्ग कैसा है?
वर्तमान में आम आदमी के नेपाल जाने के लिए निजी वाहन या बस की ही सुविधा है. इसके सफर के लिए 1000-1100 नेपाली रुपए (भारतीय रूपए में 600-650 तक) लगते है। अभी सफर का समय करीब 6-8 घंटे का होता है। लेकिन ऐसा माना जा सकता है कि इस रेल लाइन सेवा के शुरू होने के बाद दोनों देशों के बीच की सफर का समय, खर्च, व्यवस्था और कम और आसान हो जाएगी।
यह हमारे दोनो देशों (🇮🇳-🇳🇵) के लोगों को करीब लाने में बड़ी भूमिका भी निभाएगी।
Disclaimer
इस पुरी आर्टिकल को हमारी टीम ने अलग अलग न्यूज एजेंसियों और सोर्सेस से जानकारी जुटाकर लिखी है। इस आर्टिकल में बात किए गए प्रोजेक्ट के बारे में हमारा या हमारी टीम का हमारा कोई अपना सत्यापन नही है। यह लेख केवल और केवल आपकी जानकारी के लिए लिखी गई हैं।